Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -02-Jul-2023... एक दूजे के वास्ते... (25)

रश्मि के कमरे में जाते ही अलका ने मौका देखकर रश्मि का फोन उठा लिया ओर वाशरूम के बहाने फोन अपने साथ लेकर बाहर चली गई। 


अलका ने रश्मि का फोन ओन करके राहुल के आए हुए सारे मेसेज डिलीट कर दिए। फिर वापस फोन बंद कर दिया।
 
रश्मि के कमरे में जाकर उसने फोन वापस अपनी जगह पर रख दिया। 
अलका ने सब करने के बाद चैन की सांस ली....। 
तभी रोहित बाहर से सबके लिए खाना लेकर आया ओर सब साथ में खाना खाने लगे। 




वही दूसरी ओर रिषभ को उसके वकील का फोन आया। 
रिषभ ने फोन उठाया।। 
हैलो।......काम इतनी जल्दी हो गया क्या......? 


क्या रिषभ तुम्हें मजाक करने के लिए मैं ही मिला था क्या....? 
मुझे ओर भी बहुत काम होते हैं यार....। 

क्या मतलब.....? मज़ाक......? 
कैसा मजाक......? 



ओर नहीं तो क्या........। अरे तुने मुझे कहा था प्रोप्रटी के पेपर बनाकर दूं....मैंने दिए....लेकिन पहले यह तो पता कर लेता की प्रोप्रटी हैं किसकी....!!!!


क्या बोल रहा हैं तु..... प्रोप्रटी किसकी हैं मतलब....अरे रोहित की हैं ओर किसकी होगी....। 



रिषभ......ये सब कुछ रोहित के नाम होता तो उसके साइन का मतलब होता ना!! 


क्या मतलब! मैं समझा नहीं। 


रिषभ ये सारी प्रोप्रटी रोहित कि हैं ही नहीं। 

 व्हाट? ये तुम क्या कह रहे हो......। अगर उसकी नहीं है तो किसकी हैं.....? 



रिषभ ना सिर्फ ये सारी बल्कि रोहित के नाम जो दिल्ली में दुसरी हवेली हैं......वो भी सब कुछ रोहित ने कुछ महीने पहले ही किसी अनाथ बच्चों की सेवा करने वाले किसी एनजीओ के नाम कर दी हैं। उन लोगो ने सारी प्रोप्रटी बेचने के इस्तहार भी दिए हुए हैं अखबारों में। कुछ दिनों बाद सबकी निलामी भी होनी हैं.....। 
जब रोहित के नाम कुछ हैं ही नहीं .........तो उसने तुम्हे ऐसे पेपर्स साइन करके कैसे दे दिए। मेरी समझ में नहीं आया। 





ये सब सुनकर मानो रिषभ को सांप सूंघ गया हो.....। उसके तो पैरों तले जमीन ही निकल गई। 


रिषभ..... मैं कुछ पुछ रहा हुं। 
रोहित ने तुम्हे ऐसे पेपर्स कैसे दिए?जबकि वो तो पहले ही प्रोप्रटी किसी ओर को दे चुका था....। उसने तुझे बेवकूफ बना दिया रिषभ...। धोखा किया हैं उसने तेरे साथ...। 


मैं तुमसे बाद में बात करता हूँ प्रकाश.....। 
ऐसा कहकर रिषभ ने फोन रख दिया।। 


रिषभ ने अपने सर पर हाथ दे मारा। उसे रोहित पर बहुत गुस्सा आ रहा था। 
रिषभ ने गुस्से में अपने पास रखा फ्लावर पोट उठाकर सामने लगे आईने पर दे मारा.....। आईना पुरा चकनाचूर हो गया। 
रिषभ अभी भी बहुत गुस्से में था। उसने आस पास पड़ी हर चीज को यहाँ वहाँ फेकंना शुरू कर दिया। 
उसके हाथ में भी चोट आ गई थीं। उसकी हथेली से खुन बहने लगा। 

रिषभ चिल्लाते हुए अपने आप से बोला :- ये तुने ठीक नहीं किया रोहित, ये तुने ठीक नहीं किया। इतना बड़ा धोखा वो भी मेरे साथ.....मैं सालों से ऐसे मौके की तलाश में था, ओर तुने अंदर ही अंदर सब पहले ही दे दिया। इस प्रोप्रटी को पाने के लिए कितने पापड़ बेले हैं मैंने....ओर तुने भी अपने बाप की तरह मेरे ओर पापा के साथ धोखा किया हैं.....। मैं तुझें जिन्दा नहीं छोड़ूंगा रोहित.......मैं तुझे जिंदा नहीं छोड़ूंगा। तेरा वो हाल करुंगा कि तेरी रूह भी कांपेगी...। 
रोहित मेरे हाथ से बहते हुए इस खुन की कसम अब मैं तेरा सारा सुख चैन छीन लुंगा.....। तुने मेरे सालों की चाहत पर पानी फेरा है ना......मैं तेरी हर चाहत को अब तुझसे छीन लुंगा....। 
जब तक तु मुझसे मेरे पैरों में गिर कर माफी नहीं मांगेगा ना ....
तब तक मैं चैन से नहीं बैठुंगा.....। ये मेरा वादा रहा रोहित.......आज से तेरी उल्टी गिनती शुरू......। 





दुसरी ओर हास्पिटल में सब खाना खा चुके थे। 
रोहित ने अलका को कहकर रश्मि को दवाई भी दे दी थीं......ओर आंटी को भी दवाई देकर कमरे में रखे सोफे पर आराम करने को बोला....। 


रश्मि तुम भी थोड़ी देर आराम कर लो ......मैं ओर अलका डाक्टर से तुम्हारे डिस्चार्ज के बारे में बात करके आते हैं।

 
हां सर मुझे प्लीज जल्दी से यहाँ से ले चलिए। मुझे मम्मी को लेकर दिल्ली भी जाना हैं.....। पापा बहुत गुस्सा करेंगे.....। प्लीज अलका तु तो सब जानती हैं ना......डाक्टर से कहकर मुझे जल्दी घर ले चल यार। 


हां रश्मि हम जा रहे हैं ना.....तुम आराम करो। हम आते हैं। 

ऐसा कहकर रोहित और अलका बाहर आ गए। 


अलका मैंने डाक्टर से बात कर ली है, हमें जल्द से जल्द दिल्ली से जाना होगा इससे पहले कि रश्मि को कुछ भी पता चलें। 


हां रोहित, पर हम जाएंगे कैसे...? 


मैंने बात की है डाक्टर से सब कुछ सोच लिया हैं.....तुम बस सबका सामान पैक कर दो। 
मैं अभी आंटी को उनके डाक्टर के पास ले जाता हूँ.....। मुझे उनके हास्पिटल का पता दे दो। जाने से पहले जिस काम के लिए रश्मि आई थी .....वो भी तो करना हमारी जिम्मेदारी है ना! 


थैंक्स रोहित तुम हमारे लिए कितना कुछ कर रहे हो....। 



मैं ये सब तुम सबके लिए नहीं, अपने प्यार के लिए कर रहा हूँ। अभी तुम बस यहाँ रश्मि का ख्याल रखना, मेरे आदमी भी यही हैं......वो तुम दोनों पर नजर रखेंगे....। मैं आंटी को दिखा कर जल्द ही आता हूँ। तब तक तुम ध्यान रखना की रश्मि को कुछ पता ना चलें....। मैंने उसकी सारी रिपोर्टस भी डाक्टर के पास ही रखवा दी हैं.... वो सब भी उनसे लेकर पैक कर देना...।


 ठीक है रोहित। आओ मैं तुम्हें पता देती हूँ। 
ऐसा कहकर अलका ने रोहित को हास्पिटल का पता दे दिया और रोहित रश्मि की मम्मी को लेकर वहाँ से चला गया। 

अलका भी रश्मि के कमरे में आई। तो रश्मि ने पुछा :- अलका हो गई डाक्टर से बात? 


हां मेरी जान हो गई बात। हम आज ही घर चल रहें हैं। 


हां यार। मुझे जल्दी से जल्दी मम्मी को लेकर दिल्ली जाना हैं।। मम्मी को दिखाना हैं।


 हां दिखा देंगे।  तु टेंशन मत कर। 


अलका वो सर अभी मम्मी को लेकर कहाँ गए हैं.....? 


यही पास में एक मंदिर हैं ना .....तो रोहित वही लेकर गया हैं आंटी को.....। (अलका बात को संभालते हुए बोली) अच्छा अभी तू ज्यादा सवाल जवाब मत कर  सीआईडी की तरह मुझे यहाँ से सब सामान पैक करने दे। 


रश्मि .....ठीक हैं......कहकर मुस्कुराते हुए बैड पर लेट गई। 




वही दूसरी ओर रिषभ गुस्से से आग बबुला हो रहा था....। 
रिषभ ने अपने कुछ आदमियों को कहकर रोहित की सारी डिटेल निकलवा ली थीं। 


रिषभ मन ही मन सोच रहा था..... ठीक हैं....रोहित .....जाओ तुम रश्मि को लेकर......। मैं देख अब क्या करता हूँ.....। तुने सपने में भी नहीं सोचा होगा....। लेकिन सबसे पहले मुझे पापा को निकालना होगा......। 


रिषभ ने ऐसा सोचते हुए किसी को फोन किया :- हैलौ रंजीत....। 


हां रिषभ..... कैसे याद किया....। 


अरे यार.....पापा शायद जेल में है रंजीत......। तु पता कर ना यार....उनको कहाँ.... बंद रखा गया हैं..। 



व्हाट! क्युं.......कैसे.....? 


रोहित की वजह से। (रिषभ ने रंजीत को सारी बात बताई) 


ओहह......तू टेंशन मत कर अंकल को मैं रिहा करवा दुंगा। वो जहां भी होंगे एक घंटे में मेरे पास होंगे....। मैं अभी वहाँ के कमिश्नर को फोन करता हूँ। मंत्री का बेटा हूँ।। सवाल ही नहीं उठता की मुझे मना करें। 



थैंक्स यार। तभी तो तुझे ही फोन किया....। 


तु फिक्र मत कर मैं बात करके तुझे मेसेज करता हूँ।। बस मेरे लिए कोई इंतजाम कर ले। समझ रहा है ना तु.....। 


हां मुझे पता है ....तुझे क्या चाहिए।उसका भी पता तुझे देता हूँ.....। देख कर खुश हो जाएगा। एवन हैं.... बिना मिलावट की.... एकदम वैसी जैसी तुझे पसंद हैं.....। 


क्या बात हैं.....वैसे भी बहुत दिन हो गए थे....कोई पसंद की मिली ही नहीं सा***.......। अब तो समझ तेरा काम हो गया। तु मेरा काम कर देना। रखता हूँ अभी। 



ऐसा कहकर रंजीत ने फोन रख दिया।। 
रिषभ ने फोन रखकर कहा :- इसे कहते हैं एक तीर से दो निशान लगाना.....। पापा भी छुट जाएंगे। और उस रोहित को भी खुन के आंसू रुला दूंगा.....। 


ऐसा कहकर रिषभ जोर जोर से ठहाके लगा कर हंसने लगा। 
उसके खुराफाती दिमाग ने सब कुछ प्लान करके रखा था। रोहित से बदला लेने के लिए....। 




दुसरी ओर रंजीत ने अपने कुछ आदमियों की मदद से ओर अपनी पहुँच के चलते मोहन को ......चंद मिनटों में छुड़ा दिया था। 

रंजीत ने मोहन को रिषभ के पास भी भिजवा दिया था....। 
मोहन भी रिषभ के साथ उसके प्लान में शामिल हो गया था। 


पुलिस स्टेशन से. .....रोहित को भी फोन करके सब बता दिया गया कि कैसे मंत्री के बेटे ने अपनी पहुँच से.... मोहन को रिहा करवा दिया। 


रोहित को जब ये पता चला तो वो थोड़ा चिंतित हो गया। क्योंकि वो जानता था कि अगर रिषभ की पहुंच  मंत्री तक हैं....तो वो पेपर्स कि असलियत पता चलते ही सबको नुकसान पहुंचा सकता हैं....। 


रोहित ने तुरंत अलका को फोन किया :- हैलो अलका....। 


हां रोहित.....! 


अलका सब कुछ ठीक हैं ना .....वहाँ? 


हां सब ठीक हैं....। 


ठीक हैं...., जब तक मैं वहाँ ना आ जाऊं.....तुम रश्मि को बिल्कुल भी अकेला मत छोड़ना। चाहे कितनी भी बड़ी इमरजेन्सी क्यूँ ना आ जाए....। 


हां.......ठीक है रोहित। तुम फिक्र मत करो। 
रोहित ने फोन रख दिया ओर आंटी को लेकर उनके हास्पिटल पहुँच गया.....। 


वही रिषभ मोहन को अपना सारा प्लान समझा रहा था....। 

पापा ..........रोहित ने हमारे साथ जो धोखा किया हैं....उसकी भरपाई हम करके रहेंगे......ओर ऐसी भरपाई करेंगे कि रोहित को मजबूर होकर सब हमारे नाम करना ही पड़ेगा....। 


लेकिन कैसे वो तो बता.....। 


 पापा रंजीत की पहुँच बहुत ऊपर तक हैं......  उसके कहने पर ही आपको छुड़वाया हैं....बस उसकी एक ही कमजोरी हैं, ओर उस से कुछ भी काम करवाने के लिए मैं हर बार उसे उसकी वो कमजोरी को पुरा कर  देता हूँ.....। 


 मतलब, कैसी कमजोरी.......ओर उस से रोहित का क्या लेना देना......मै समझा नही रिषभ......! 


अरे पापा......। उसकी कमजोरी हैं.....नई और फ्रेश............ समझें? 


हां समझा......। पर रोहित का क्या लेना देना इस से.......! 


अरे पापाजी, लगता है आपकी उम्र हो गई हैं, सब कुछ विस्तार में बताना पड़ता हैं......। 
रिषभ ऐसा कहकर मुस्कुराने लगा....। 


 रिषभ साफ़ साफ़ बता तु करना क्या चाहता हैं......। 


पापा रंजीत की एक आदत हैं.....जो मुझसे ही मिलती हैं....., अगर उसे बंदी पसंद आ जाती हैं......तो वो उसे बिना ##### छोड़ता नहीं हैं.....। 
मैनें उसे रश्मि की विडियो दिखाई जो हमने निकाली थीं....रंजीत का दिल आ गया हैं.......रश्मि पर। इस  वक्त हम रोहित को ऐसे ही तोड़ सकते हैं..... क्योंकि रश्मि रोहित की कमजोरी बन चुकी हैं.... वो उसे बचाने के लिए कुछ भी कर सकता हैं.... कुछ भी....। 
रोहित आज ही दिल्ली से वापस जा रहा हैं......रश्मि के साथ....। मैंने रंजीत को बता दिया हैं....। रंजीत ने अपने आदमी लगा लिए है रोहित के पीछे......। अब जो करेगा वो रंजीत करेगा..... हमें बस सही मौके का इंतजार करना हैं.... ओर उस एक मौके का फायदा उठा कर रोहित से अपनी डील मनवा लेनी हैं.....। 



 लेकिन अब वो हमारी कोई बात क्युं मानेगा रिषभ। उसे हमारे बारे में सब पता चल चुका हैं...! 


मानेगा पापा। क्योंकि अब उसके पास मैं कोई रास्ता ही नहीं छोड़ुंगा.....। मैंने सब प्लान कर लिया हैं....। 
जब रंजीत अपना काम कर रहा होगा.....तभी उसके आदमी उनका विडियो भी बना रहे होंगे। रंजीत वो विडियो मुझे देगा....। ओर रश्मि की इज्जत बचाने के कारण .....रोहित को वो सब करना पड़ेगा जो मैं कहूंगा। हमने जो विडियो बनाईं थीं पापा.....वो किसी काम की ही नहीं थीं, क्योंकि उस वक्त वो बच गई थी हमारे हाथों से, लेकिन रंजीत उसे कभी नहीं छोड़ेगा......। रोहित ने जो हमे धोखा दिया हैं.....उसका बदला भी ले लेंगे, प्रोप्रटी भी अपने नाम करवा लेंगे ओर लगे हांथों रश्मि से थप्पड़ का हिसाब भी चुकता कर लेंगे.....। 



लेकिन बेटा.... रोहित....को हम हल्के में नहीं ले सकते हैं... उसकी भी पहुँच बहुत ऊपर तक हैं....। वो इतनी आसानी से रश्मि को..... 


पापा.... आप अभी तक रंजीत से मिले नहीं हो ना.... इसलिए ऐसा सोच रहें हो.... अरे वो इंसान के रुप में साक्षात हैवान हैं हैवान.....। 


क्या बात हैं.....रिषभ। तुने तो दिल खुश कर दिया। अगर ऐसा हैं तो फिर मुझे घबराने की जरूरत नहीं हैं...। 


तो फिर हो जाए इसी बात पर एक एक जाम़....। 
(रिषभ  मोहन की तरफ़ शराब से भरा गिलास बढ़ाते हुए बोला)
 
 हां क्यूँ नहीं....। 


दोनों शराब पीते हुए कहकहे लगाने लगे...। 


# कहानीकार प्रतियोगिता.... 


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क्या रिषभ अपने प्लान में कामयाब हो पाएगा...? 
क्या रोहित अब की बार रश्मि को बचा लेगा...? 
आखिर क्या करेगा रंजीत..... रश्मि के साथ...? 

जानने के लिए पढ़े अगला भाग...। 


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बुराई कितनी भी ताकतवर हो... 
जीत हमेशा अच्छाई की होतीं हैं....। 
क्या इस कहानी में ऐसा हो पाएगा..? 





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